भारतीय स्वाधीनता अधिनियम को ब्रिटिश सम्प्रभु (सम्राट) की स्वीकृति (18 जुलाई)।
2.
भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 में सशर्त विलय के लिये कोई प्रावधान नहीं था।
3.
भारतीय स्वाधीनता अधिनियम के तहत किसी भी रियासत को भारत या पाक में शामिल होने की स्वतंत्रता थी।
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आजादी के बाद भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 के तहत कुल 659 रियासतों का विलय हुआ था, जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर भी है।
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आजादी के बाद भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 के तहत कुल 659 रियासतों का विलय हुआ था, जिनमें से एक जम्मू-कश्मीर भी है।
6.
ब्रिटेन का यह कानून और उसके नियम, जो भारतीय स्वाधीनता अधिनियम के अनुच्छेद 18 (3) के अनुसार अनुकूलित कर लिए गए थे, 1957 तक चलते रहे।
7.
भारतीय स्वाधीनता अधिनियम के तहत अंग्रेजों ने लगभग ५६० पुराणी रियासतों को पूर्ण स्वतन्त्रता की स्थिति में लौटाना था, जो अठारहवीं और उन्नीसवी सदी में उनके पास थी.
8.
भारत शासन अधिनियम 1935, जिसे भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 में शामिल किया गया, के अनुसार विलय के बारे में nनिर्णय का अधिकार राज्य के राजा को दिया गया।
9.
भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 के अनुसार विलय की स्वीकृति पर आपत्ति करने का अधिकार भारत के प्रधानमंत्री, गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन, इंग्लैण्ड की महारानी, इंग्लैण्ड की संसद, पाकिस्तान के जनक मुहम्मद अली जिन्ना और सम्बंधित राज्य के महाराजा या जनता को भी नहीं था।
10.
' ' भारतीय स्वाधीनता अधिनियम 1947 के अनुसार शासक द्वारा विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के उपरान्त आपत्ति करने का अधिकार पंडित नेहरू, लार्ड माउण्टबेटन, मोहम्मद अली जिन्ना, इंग्लैंड की महारानी, इंग्लैंड की संसद तथा संबंधित राज्यों के निवासियों को भी नहीं था।